भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां इस साल के अंत तक मोबाइल रिचार्ज प्लान्स की कीमतों में 10-12% तक की बढ़ोतरी की तैयारी कर रही हैं। मई 2025 में मोबाइल यूज़र्स की संख्या में तेज़ उछाल के बाद कंपनियों को विश्वास हो गया है कि ग्राहक अब महंगे प्लान्स वहन कर सकते हैं। हालांकि, यह बढ़ोतरी उन यूज़र्स के लिए ज्यादा महसूस की जाएगी जो पहले से ही महंगे रिचार्ज कराते हैं।
मई में जुड़े 74 लाख नए एक्टिव मोबाइल यूजर्स
सिर्फ मई 2025 में ही भारत में करीब 74 लाख नए सक्रिय मोबाइल यूज़र्स जुड़े हैं, जिससे कुल सक्रिय यूजर्स की संख्या 108 करोड़ (1.08 बिलियन) हो गई है। इसमें रिलायंस जियो ने 55 लाख और एयरटेल ने 13 लाख नए यूज़र्स जोड़े हैं।
BNP Paribas की एक रिपोर्ट के अनुसार, नए ग्राहकों को जोड़ने की रफ्तार अब 5G सेवाओं की गुणवत्ता पर निर्भर करेगी। रिपोर्ट का अनुमान है कि टेलीकॉम सेक्टर की कमाई 2027 तक दहाई अंकों में बढ़ेगी।
‘वन साइज फिट्स ऑल’ मॉडल से हटेंगी कंपनियां
रिपोर्ट के अनुसार, इस बार की टैरिफ बढ़ोतरी केवल बेसिक प्लान्स तक सीमित नहीं रहेगी। जुलाई 2024 में अंतिम बार बेसिक प्लान्स में 11-23% की बढ़ोतरी देखी गई थी। लेकिन इस बार कंपनियां मिड और हाई-रेंज प्लान यूज़र्स को टारगेट करेंगी, जिससे उन्हें ज़्यादा रेवेन्यू मिलेगा और ग्राहकों की संख्या पर ज्यादा असर भी नहीं पड़ेगा। अब कंपनियां ‘वन साइज फिट्स ऑल’ मॉडल को छोड़ सकती हैं।
डाटा पर आधारित कीमतें भी हो सकती हैं लागू
विशेषज्ञों का मानना है कि अब मोबाइल डाटा प्लान्स की कीमतें डाटा स्पीड, समय, और उपयोग की मात्रा के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं। उदाहरण के लिए – जो ग्राहक कम डाटा इस्तेमाल करते हैं या देर रात सेवा का उपयोग करते हैं, उनके लिए कम कीमत वाले प्लान्स उपलब्ध हो सकते हैं। इससे ग्राहक अपनी ज़रूरतों के अनुसार उपयुक्त प्लान चुन सकेंगे।
2025 के अंत तक मोबाइल रिचार्ज महंगा होना लगभग तय है, लेकिन यह बढ़ोतरी स्मार्ट तरीके से की जाएगी। कंपनियां ग्राहक व्यवहार और डाटा उपयोग को ध्यान में रखकर प्लान बनाएंगी, जिससे उपभोक्ता को ज़्यादा विकल्प मिलेंगे और टेलीकॉम कंपनियों की कमाई में इजाफा होगा।










