वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज की बढ़ती लोकप्रियता पर सवाल उठाते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने रविवार को एक साक्षात्कार में बड़ा बयान दिया। उन्होंने प्रेमानंद को चमत्कारी कहे जाने पर आपत्ति जताते हुए उन्हें ‘बालक’ की संज्ञा दी और उनके शास्त्रीय ज्ञान पर सीधी चुनौती दे डाली।
Khabarx को दिए इंटरव्यू में रामभद्राचार्य ने कहा, “यदि वे चमत्कारी हैं, तो मेरे सामने संस्कृत का एक शब्द बोलें। मैं जो श्लोक कहूं, उसका अर्थ वे हिंदी में स्पष्ट करें। यही सच्चा चमत्कार होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके मन में प्रेमानंद जी के प्रति कोई निजी द्वेष नहीं है, लेकिन उन्हें विद्वान या चमत्कारी मानना सही नहीं होगा।
रामभद्राचार्य ने कहा कि भजन-कीर्तन से प्रभावित होना एक बात है, लेकिन किसी को चमत्कारी मानना उससे कहीं अधिक गंभीर विषय है। “आजकल लोग थोड़ी भावुकता में बहकर किसी को भी महान मान लेते हैं। भक्ति को चमत्कार नहीं कहा जा सकता,” उन्होंने कहा।
अपने वक्तव्य में उन्होंने वर्तमान समय की धार्मिक प्रवृत्तियों पर भी टिप्पणी की। “पहले विद्वान लोग ही प्रवचन करते थे, अब हर दूसरा व्यक्ति धर्म का मर्म बताने लगा है, चाहे उसमें योग्यता हो या नहीं,” उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा।
संत समाज में खलबली
रामभद्राचार्य का यह बयान प्रेमानंद महाराज के समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया पर भी दोनों संतों के समर्थकों के बीच बहस छिड़ी हुई है। वहीं अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि प्रेमानंद महाराज इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज को बताया ‘बालक’, बोले – एक शब्द संस्कृत का बोलकर दिखाएं
By Farhan Ahmad
On: August 24, 2025 2:47 PM
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