AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी बिहार में नीतीश कुमार की सरकार का समर्थन कर सकती है। हालांकि उन्होंने साफ़ कहा कि किसी भी तरह का समर्थन तभी संभव होगा जब सरकार सीमांचल क्षेत्र के लिए ठोस, पक्के और समयबद्ध विकास कदम उठाए।ओवैसी अमौर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर रहे थे, जहाँ उन्होंने सीमांचल के वर्षों से उपेक्षित रहने का मुद्दा प्रमुख रूप से उठाया।अपने भाषण में ओवैसी ने कहा: हम इस सरकार को समर्थन देने को तैयार हैं, लेकिन सीमांचल को इंसाफ मिलना चाहिए। विकास सिर्फ पटना और राजगीर तक सीमित क्यों हो उन्होंने कहा कि विकल्प, घोषणा और योजनाएं हमेशा राजधानी तक सीमित रहती हैं, जबकि सीमांचल हर साल बाढ़, कटाव, पलायन और भ्रष्टाचार से जूझता है।
पृष्ठभूमि: सीमांचल क्यों है बिहार का सबसे संवेदनशील क्षेत्र?
यह इलाका कोसी नदी की वार्षिक बाढ़, नदी कटाव और लगातार पलायन से प्रभावित है।अधिकांश आबादी ग्रामीण है, और शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं में भारी कमी है।यह क्षेत्र आर्थिक रूप से बिहार के बाकी हिस्सों से काफी पीछे माना जाता है।सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों में से NDA सिर्फ 14 सीटें ही जीत सका—जो इस क्षेत्र की राजनीतिक जटिलताओं को दिखाता है।
AIMIM ने 2025 चुनाव में रखा अपना आधार
2025 बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM ने:5 सीटें जीतीं (2020 जैसा प्रदर्शन दोहराया)पिछली बार उसकी 4 विधायकों ने RJD का रुख कर लिया था इस बार ओवैसी ने “सख़्त आंतरिक निगरानी व्यवस्था” लागू करने का ऐलान कियाओवैसी ने बताया कि पार्टी अब किसी तरह की टूट-फूट रोकने के लिए MLAs की नियमित गतिविधियों की निगरानी करेगी।उन्होंने घोषणा की कि:हर AIMIM विधायक को सप्ताह में दो बार अपने क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थिति देनी होगीफोटो और लाइव लोकेशन पार्टी को भेजनी होगीयह व्यवस्था 6 महीने के अंदर लागू की जाएगीऔर वे खुद साल में दो बार सीमांचल का दौरा करेंगेयह घोषणा AIMIM की एक बड़ी organisational restructuring मानी जा रही है।ओवैसी ने विपक्ष RJD को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही संकेत दिया था कि RJD, BJP को रोक नहीं पाएगी।उन्होंने कहा:मैं उन लोगों से कहता हूं जो अब भी MY फॉर्मूला पकड़कर बैठे हैं — अपनी सोच पर दोबारा विचार करें।यह बयान बिहार की मौजूदा राजनीति और विपक्ष के समीकरणों की ओर सीधा इशारा था।
Ye sirf Muslims ka मुद्दा नहीं — Owaisi
ओवैसी ने दावा किया कि सीमांचल का मुद्दा किसी एक समुदाय तक सीमित नहीं है: यहाँ सिर्फ़ मुसलमान नहीं रहते। हिंदू, दलित और आदिवासी भी रहते हैं। मजलिस सभी के लिए खड़ी है। न्याय सभी को मिलना चाहिए।”इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक AIMIM द्वारा अपने आधार का विस्तार करने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं।राजनीतिक हलकों में अब यह चर्चा बढ़ गई है कि:क्या यह सिर्फ़ दबाव बनाने की रणनीति है या AIMIM वास्तव में सीमांचल के विकास पैकेज के बदले सरकार को outside support दे सकती है?
इस पर फिलहाल कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन ओवैसी का बयान बिहार में नई संभावनाओं की तरफ इशारा करता है।








