बिहार की नई सरकार पर खींचतान तेज: उपमुख्यमंत्री पद पर चिराग की मांग से भाजपा–जदयू असहमत, पटना–दिल्ली में मंथन जारीनई दिल्ली/पटना: बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन से पहले उपमुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी खींचतान तेज हो गई है। भाजपा और जदयू दोनों, चिराग पासवान की उस मांग से सहमत नहीं हैं जिसमें उनकी पार्टी लोजपा (रामविलास) को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की बात कही जा रही है। सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को शपथ लेने वाली नई सरकार के ढांचे को लेकर मंगलवार को दोनों दलों के बीच लंबी बैठक हुई।
नई दिल्ली/पटना: बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन से पहले उपमुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी खींचतान तेज हो गई है। भाजपा और जदयू दोनों, चिराग पासवान की उस मांग से सहमत नहीं हैं जिसमें उनकी पार्टी लोजपा (रामविलास) को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की बात कही जा रही है। सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को शपथ लेने वाली नई सरकार के ढांचे को लेकर मंगलवार को दोनों दलों के बीच लंबी बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि भाजपा विधानसभा अध्यक्ष पद अपने पास रखने पर गंभीरता से विचार कर रही है। जदयू भी इस पद में रुचि दिखा रही है, लेकिन यह महज़ इच्छा-प्रकाशन माना जा रहा है, क्योंकि दोनों सहयोगी नई सरकार के हर हिस्से को ध्यान से मोल-तोल कर रहे हैं।
लोजपा (रामविलास) की मांग: एक डिप्टी सीएम
• चिराग पासवान की नेतृत्व वाली लोजपा (रालोद), जिसके पास 19 विधायक हैं और जो गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण दलित समर्थन लेकर आती है, अपने कोटे से एक नेता को उपमुख्यमंत्री बनाने की इच्छुक है। इस चर्चे के बीच चिराग के साले और जमुई से सांसद अरुण भारती का नाम भी राजनीतिक गलियारों में उपमुख्यमंत्री पद की संभावित दावेदारी के रूप में चर्चा में है।
• निवर्तमान सरकार में भाजपा के दो उपमुख्यमंत्री थे, लेकिन इस बार गठबंधन के समीकरण बदले हैं — जदयू की संख्या बढ़ी है, और दो नए दल — लोजपा (आरवी) और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम — भी एनडीए का हिस्सा बन चुके हैं। ऐसे में नई सरकार का स्वरूप पिछली सरकार से अलग होना तय माना जा रहा है।
दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व की चर्चाएँ
• गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधियों—संजय झा और ललन सिंह—से मुलाकात कर पाँच दलों वाली नई सरकार की संरचना पर विस्तार से चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि ऐसी सरकारों में विभिन्न दलों के बीच राय का टकराव सामान्य होता है, लेकिन “कोई गंभीर विवाद नहीं है।”
एनडीए की प्रचंड जीत और बदलते समीकरण
• बिहार की 243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए ने 202 सीटों पर जीत हासिल कर एक शानदार बहुमत दर्ज किया।
2015 और 2020 के उलट, इस बार भाजपा 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि जदयू 85 सीटों के साथ लगभग बराबरी पर है।
• यह पहली बार है कि भाजपा और जदयू संख्या के मामले में लगभग समान स्थिति में हैं। पिछली सरकार में जहाँ भाजपा के 21 मंत्री थे, वहीं सहयोगी दलों के 14 मंत्री थे—जिसमें नीतीश कुमार और एक निर्दलीय विधायक भी शामिल थे।
छोटे दलों का गणित
• नई सरकार में निम्नानुसार हिस्सेदारी की संभावना है:
• हम (सेक्युलर) – 5 विधायक, 1 मंत्री
• आरएलएम (उपेंद्र कुशवाहा) – 4 विधायक, 1 मंत्री
• लोजपा (रामविलास) – 19 विधायक, 2–3 मंत्री
उपमुख्यमंत्री पद पर भाजपा की गणित
• पिछली सरकार में भाजपा के एक उपमुख्यमंत्री कुशवाहा (ओबीसी) और एक भूमिहार (उच्च जाति) से थे। इस बार भाजपा ने अपने विधायक दल की बैठक के लिए तीन पर्यवेक्षक भेजे हैं:
• साध्वी निरंजन ज्योति (निषाद जाति)
• अर्जुन राम मेघवाल (दलित)
• केशव प्रसाद मौर्य (ओबीसी)
• इन तीनों का चयन सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर किया गया है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री और विधायक दल के नेता सम्राट चौधरी को दोबारा इस पद के लिए प्रमुख दावेदार माना जा रहा है।
बुधवार को नीतीश होंगे नेता, गुरुवार को शपथ
बुधवार को एनडीए की संयुक्त विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता चुने जाने की उम्मीद है।
गुरुवार को पटना के गांधी मैदान में होने वाला शपथ ग्रहण समारोह विशाल पैमाने पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और कई अन्य दिग्गज नेताओं के उपस्थित रहने की संभावना है। नई सरकार के चेहरे, उपमुख्यमंत्री पद का समीकरण और मंत्रालयों का बंटवारा—इन सभी पर अंतिम मुहर अगले 48 घंटों में लगने की उम्मीद है।









