स्मार्ट कॉलर और क्यूआर कोड से कुत्तों की निगरानी शुरू, लोगों में बढ़ रही उम्मीद
नई दिल्ली।
दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर आम लोगों और पशु प्रेमियों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कुत्तों को शेल्टर होम भेजने के आदेश में बदलाव करते हुए केवल नसबंदी को अनिवार्य किया है। हालांकि आम लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं अब भी बनी हुई हैं।
इसी बीच हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर से एक नई पहल सामने आई है, जिसे समाधान के रूप में देखा जा रहा है। शिमला नगर निगम ने आवारा कुत्तों को स्मार्ट कॉलर पहनाना शुरू किया है, जिसमें क्यूआर कोड और GPS टैग शामिल हैं। कॉलर के रंगों से कुत्तों की श्रेणी (जैसे – टीकाकरण, नसबंदी या आक्रामकता) भी आसानी से पहचानी जा सकती है।
क्यूआर कोड स्कैन करने पर कुत्ते की उम्र, स्वास्थ्य, नसबंदी और टीकाकरण की पूरी जानकारी मिल जाती है। इससे न केवल प्रशासन को निगरानी में मदद मिलेगी, बल्कि आम लोग भी सजग रह सकेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह मॉडल सफल होता है, तो इसे दिल्ली-NCR जैसे बड़े इलाकों में भी अपनाया जा सकता है, जहां यह विवाद लंबे समय से बना हुआ है।
दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों पर विवाद जारी, शिमला मॉडल बन सकता है समाधान
By Farhan Ahmad
On: August 24, 2025 7:02 AM
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