भारत के गाँवों में दादी-नानी से लेकर आज की पीढ़ी तक, सरसों का तेल और नमक मुँह की सफाई और मसूड़ों की मजबूती के लिए इस्तेमाल होते रहे हैं। यह नुस्ख़ा आज भी कई घरों में ब्रश के साथ-साथ अपनाया जाता है। सवाल यह है कि क्या यह वाकई असरदार है या सिर्फ परंपरा?
फायदे (Health Benefits)
- बैक्टीरिया को रोकता है – सरसों तेल में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बैक्टीरिया और फंगस को खत्म करने में मदद करते हैं।
- मसूड़ों की मजबूती – नमक और तेल की मालिश से खून का संचार बढ़ता है, जिससे मसूड़ों की कमजोरी और खून आना कम हो सकता है।
- प्लाक और कैविटी से बचाव – यह मिश्रण दाँतों पर जमी परत (plaque) को कम करने में मदद करता है।
- सांसों की बदबू से राहत – सरसों का तेल मुँह को ताज़गी देता है और नमक बैक्टीरिया को कंट्रोल करता है।
- डिटॉक्सिफिकेशन – आयुर्वेद में इसे oil pulling कहा जाता है, जिससे शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और पूरे oral health पर अच्छा असर पड़ता है।
इस्तेमाल करने का तरीका
- एक चम्मच सरसों का तेल लें और उसमें एक चुटकी नमक डालें।
- इस मिश्रण को उंगली से दाँत और मसूड़ों पर धीरे-धीरे मलें।
- चाहें तो इसे 2–3 मिनट तक मुँह में घुमाएँ।
- इसके बाद साफ पानी से कुल्ला कर लें।
- दिन में 1 या 2 बार करना काफी है।
सावधानियां
- अगर आपके मुँह में छाले, दाँतों में बहुत ज़्यादा सेंसिटिविटी या गंभीर मसूड़े की समस्या है तो डॉक्टर से सलाह लें।
- इसे ब्रशिंग का विकल्प न बनाएं, बल्कि एक अतिरिक्त उपाय के रूप में अपनाएँ।
- हमेशा ताज़ा तेल का ही इस्तेमाल करें।
क्या कहना है विज्ञान विशेषज्ञ का ?
कई रिसर्च में पाया गया है कि oil pulling cavity बनाने वाले बैक्टीरिया को कम करता है और मसूड़ों को मज़बूत बनाता है। हालांकि, डॉक्टरों का मानना है कि यह brushing और flossing का विकल्प नहीं है बल्कि एक supportive practice है।
सरसों तेल और नमक से माउथवॉश एक पुराना भारतीय नुस्ख़ा है, जो आज भी कारगर है। यह सस्ता, आसान और बिना किसी रसायन के आपके दाँत और मसूड़ों को बेहतर बनाने का तरीका हो सकता है। लेकिन याद रखें – रोज़ाना brushing और समय-समय पर dental checkup करना ज़रूरी है।





