जम्मू-कश्मीर के आतंक प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। “ऑपरेशन महादेव” के तहत पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा को आखिरकार दाचीगाम के जंगलों में एक सटीक ऑपरेशन में ढेर कर दिया गया। हाशिम मूसा, जो कभी भारतीय सेना का सिपाही था, अब देशद्रोह के रास्ते पर चल पड़ा था और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़कर कई आतंकी हमलों की साजिश रच चुका था।
कौन था हाशिम मूसा?
हाशिम मूसा पहले भारतीय सेना में तैनात था लेकिन कुछ साल पहले उसने ड्यूटी छोड़ आतंकवाद का रास्ता अपना लिया। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, मूसा ही पिछले महीने पहलगाम में हुए हमले का मास्टरमाइंड था जिसमें कई सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली कि मूसा अपने कुछ साथियों के साथ दाचीगाम के जंगलों में छिपा है। इसके बाद सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन शुरू किया। घंटों चली मुठभेड़ के बाद अंततः मूसा को मार गिराया गया।
एनकाउंटर की तस्वीरें और सबूत
मुठभेड़ के बाद जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें भारी हथियार और नक्शे बरामद हुए हैं। इससे साफ होता है कि मूसा किसी बड़े हमले की तैयारी में था। ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
संदेश साफ है: आतंक का अंत तय है
भारतीय सुरक्षा बलों ने एक बार फिर दिखा दिया है कि देश की सुरक्षा से खेलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऑपरेशन महादेव इस बात का प्रमाण है कि चाहे दुश्मन जितना भी चालाक हो, सुरक्षाबल उससे एक कदम आगे हैं।







