परिवार और पुलिस सूत्रों के अनुसार, गेम के प्रति जुनून के कारण विकास लगातार अपने मोबाइल फोन से चिपका रहता था और काम और घर की जिम्मेदारियों को नजरअंदाज कर देता था। उसकी पत्नी मनीता ने पुलिस को बताया कि विकास ने काम करना बंद कर दिया था और घर का खर्च ऑनलाइन गेम के जरिए ही चला रहा था। दंपत्ति अक्सर उसकी अत्यधिक गेम खेलने की आदत को लेकर झगड़ते थे और विकास अक्सर आत्महत्या की धमकी देता था।
घटना वाले दिन चैती छठ पर्व के दौरान मनीता अपनी मौसी से मिलने गई थी और विकास को घर पर अकेला छोड़ गई थी। वापस लौटने पर उसने पाया कि उसने फांसी लगा ली है। अगमकुआं पुलिस को सूचना दी गई और वह तुरंत मौके पर पहुंची। उन्होंने पाया कि शव को पहले ही नीचे उतारा जा चुका था। फोरेंसिक साइंस टीम और डॉग स्क्वायड को बुलाया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया।
खबर मिलते ही दिल्ली से रिश्तेदार पटना पहुंच गए। उनके मुताबिक विकास और मनीता ने प्रेम विवाह किया था। थाना प्रभारी नीरज पांडे ने पुष्टि की कि प्रारंभिक बयान में आत्महत्या के पीछे गेमिंग की लत को मुख्य कारण बताया गया है। ऑनलाइन गेमिंग के लंबे समय तक मनोवैज्ञानिक प्रभाव सहित सभी कोणों से जांच जारी है।
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