UP Smart Classrooms Ground Report: कागज़ पर स्मार्ट क्लास, ज़मीन पर बंद ताले

उत्तर प्रदेश सरकार ने गाँव-गाँव “स्मार्ट क्लासरूम” बनाने का ऐलान बड़े शोर-शराबे के साथ किया था। वादा था कि अब बच्चों को गाँव में ही कंप्यूटर, इंटरनेट और डिजिटल लर्निंग का मौका मिलेगा। कहा गया था कि पढ़ाई अब सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बच्चे ऑनलाइन लेक्चर सुनेंगे, प्रोजेक्टर से पढ़ेंगे और नए जमाने की टेक्नोलॉजी से जुड़ेंगे।

लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। जिन स्मार्ट क्लासरूम की तस्वीरें सरकारी रिपोर्ट में दिखाई जाती हैं, वहाँ पर ताले जड़े हैं। कंप्यूटर धूल खा रहे हैं, प्रोजेक्टर बंद पड़े हैं और इंटरनेट का नाम तक नहीं है।

योजना का वादा और हकीकत

2022 में सरकार ने ऐलान किया था कि हर ब्लॉक और गाँव के स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनेंगे।
कागज़ पर सब कुछ पूरा दिखा दिया गया— कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, स्क्रीन भेजे गए, करोड़ों रुपये का खर्च दिखाया गया। लेकिन ज़मीन पर न बिजली है, न इंटरनेट, न ही इन मशीनों को चलाने वाला कोई।

शिक्षकों की बेबसी

एक स्थानीय शिक्षक ने हम से नाम न छापने की शर्त पर कहा:
कंप्यूटर आया तो है, लेकिन हमें इसकी ट्रेनिंग ही नहीं दी गई। कई बार चालू करने की कोशिश की, लेकिन इंटरनेट ही नहीं चलता। बच्चे पूछते हैं, हम क्या जवाब दें? स्कूल के बाहर खेल रहे बच्चे बताते हैं कि उन्हें स्मार्ट क्लास की बहुत उम्मीद थी।
“टीचर ने कहा था स्क्रीन पर वीडियो से पढ़ाई होगी, लेकिन हमने कभी चालू होते नहीं देखा। बस किताब से पढ़ाई हो रही है।”

असली वजहें गाँवों में अनियमित बिजली सप्लाई। इंटरनेट कनेक्शन का लगातार फेल होना। कोई टेक्निकल स्टाफ नहीं, जिससे मशीनें बेकार पड़ी हैं।

जब हम ने शिक्षा विभाग से पूछा, तो अधिकारी का जवाब था: शुरुआत में दिक्कतें आई हैं, लेकिन सब जल्द ठीक कर दिया जाएगा। लेकिन गाँव के लोग पूछ रहे हैं—कब?यह योजना बच्चों की पढ़ाई बदल सकती थी, लेकिन अभी हालत ये है कि कागज़ पर सब कुछ है, ज़मीन पर ताले और धूल।अगर बिजली, इंटरनेट और सही ट्रेनिंग की व्यवस्था न हुई, तो करोड़ों रुपये का ये प्रोजेक्ट बस पोस्टर और रिपोर्ट तक ही सीमित रह जाएगा।

आगे की पड़ताल

हम जल्द ही अलग-अलग ज़िलों में जाकर देखेगा कि स्मार्ट क्लासरूम का हाल कहाँ कैसा है।
क्योंकि सवाल सीधा है—
“क्या गाँव के बच्चे सिर्फ़ वादों से पढ़ेंगे, या वाक़ई स्मार्ट क्लास उनके हक़ में खुलेगा?”

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