भागलपुर से फिर उड़ान भरेगा आसमान: 42 साल बाद शुरू होने जा रही हवाई सेवाएं, सुल्तानगंज में बनेगा नया एयरपोर्ट

भागलपुर की 42 साल पुरानी आस आखिरकार पूरी होने जा रही है। राज्य कैबिनेट ने ₹472 करोड़ की स्वीकृति देकर सुल्तानगंज प्रखंड में 931 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। यहीं पर केंद्र सरकार की ‘उड़ान योजना (UDAN Scheme)’ के तहत एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाएगा — जो पूर्वी बिहार के लिए विकास का एक नया द्वार खोलेगा।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
इसके साथ ही, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को ₹1.21 करोड़ का अतिरिक्त बजट भी दिया गया है ताकि वह भागलपुर, मोतिहारी और छपरा में प्रस्तावित एयरपोर्ट्स का Pre-Feasibility Report (PFR) तैयार कर सके।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सुल्तानगंज और गोरेडीह प्रखंडों में एक साथ शुरू होगी। प्रारंभिक सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और राजस्व विभाग जल्द ही अधिसूचना जारी करेगा।

क्यों चुना गया सुल्तानगंज?

सुल्तानगंज को इस परियोजना के लिए चुनने के पीछे कई वजहें हैं —

  • भौगोलिक दृष्टि से केंद्रीय स्थिति — भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय और जमुई जैसे जिलों से सीधा संपर्क।
  • श्रावणी मेले के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा, जो सुल्तानगंज से देवघर जल लेकर जाते हैं।
  • पर्यटन और धार्मिक मार्गों जैसे अजहगैबीनाथ धाम, देवघर और मंदार पर्वत तक आसान पहुंच।
  • भूमि की उपलब्धता — बड़े एयरपोर्ट निर्माण के लिए बिना ज्यादा विस्थापन के उपयुक्त ज़मीन मिलना।

पृष्ठभूमि: 1983 में बंद हो गई थी से

भागलपुर से वाणिज्यिक हवाई सेवाएं आखिरी बार 1983 में निजी ऑपरेटर्स द्वारा चलाई गई थीं, लेकिन कम यात्री संख्या और आर्थिक नुकसान के चलते बंद कर दी गईं।
मार्च 2024 में बिहार कैबिनेट ने मौजूदा छोटे एयरफील्ड की सीमाओं को देखते हुए एक नए एयरपोर्ट की योजना को मंजूरी दी थी। उसी निर्णय के तहत सुल्तानगंज का चयन हुआ।

नेताओं की प्रतिक्रियाएं

भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल (जेडीयू) ने कहा –

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भागलपुरवासियों का सपना साकार किया है। एयरपोर्ट बनने से यहां के उद्योग, व्यापार और पर्यटन को नई रफ्तार मिलेगी।”

वहीं भाजपा नेता और पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने कहा –

नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों ही इस परियोजना को लेकर गंभीर हैं। यह एयरपोर्ट न केवल बिहार बल्कि भूटान और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी लाभदायक होगा।

सुल्तानगंज के विधायक ललित नारायण मंडल (जेडीयू) ने कहा कि यह एयरपोर्ट पूरे क्षेत्र के लिए ‘विकास का इंजन’ साबित होगा।

अगला चरण: निर्माण और समयसीमा

AAI की PFR रिपोर्ट आने के बाद Detailed Project Report (DPR) तैयार की जाएगी। इसके बाद 2026 की शुरुआत में भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, निर्माण में 3 से 4 वर्ष लग सकते हैं।

  • पूर्वी बिहार को पहली बार नियमित हवाई संपर्क मिलेगा।
  • देवघर, बांका, मुंगेर और कटिहार जैसे जिलों के लोगों को तेज परिवहन सुविधा।
  • पर्यटन और रोजगार के नए अवसर।
  • श्रावणी मेला और धार्मिक टूरिज़्म को बड़ी राहत।

Expert View:

भागलपुर का यह एयरपोर्ट सिर्फ एक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं है — यह उस इलाके की पहचान और उम्मीदों का पुनर्जन्म है। 42 साल से रुकी उड़ान अब फिर से तैयार है। अगर सब कुछ तय समय पर चला, तो 2029 तक भागलपुर के आसमान में फिर विमान उड़ते दिखेंगे।

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