सरकारी बैंक (PSU) फिर से शेयर बाजार में सुर्खियां बटोर रहे हैं। इस बार वजह है एक बड़ी खबर — Union Bank of India (UBI) और Bank of India (BOI) का संभावित विलय। सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार बैंकिंग सेक्टर में दूसरा बड़ा मर्जर राउंड (Merger Round 2) शुरू करने की तैयारी में है।अगर यह मर्जर होता है, तो State Bank of India (SBI) के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक (PSU Bank) बन जाएगा।
Round-2 की तैयारी: सरकार फिर से सक्रिय
केंद्र सरकार की रणनीति है — “कम बैंक, मज़बूत बैंक।” 2019 में हुए पहले राउंड मेंआंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को Union Bank में,इलाहाबाद बैंक को Indian Bank में,और सिंडिकेट बैंक को Canara Bank में मर्ज किया गया था।अब चर्चा है कि Bank of India को Union Bank में मिलाने की तैयारी है। यह कदम बैंकिंग सेक्टर को और समेकित बना सकता है।
शेयरों में उछाल: निवेशकों की नजर PSU बैंकों प
मर्जर की अटकलों के बीच दोनों बैंकों के शेयरों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है।Union Bank of India का शेयर पिछले 5 ट्रेडिंग सेशंस में 3.5% से अधिक बढ़ा।वहीं Bank of India में भी 1% से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई।
Year-to-Date (YTD) के हिसाब से देखें तो दोनों बैंकों ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है:
| बैंक | YTD रिटर्न | पिछले 1 महीने का रिटर्न | मौजूदा शेयर मूल्य |
|---|---|---|---|
| Union Bank of India | 23.68% | 10.09% | ₹151.27 |
| Bank of India | 38.65% | 13.37% | ₹142.31 |
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अगर मर्जर की सरकारी पुष्टि होती है, तो दोनों शेयरों में और 10–15% तक की तेजी संभव है।

बैंकिंग प्रदर्शन: एक घटा, दूसरा बढ़ा
हाल ही में जारी Q2 (सितंबर तिमाही) नतीजों में Union Bank का प्रदर्शन थोड़ा कमजोर रहा:
- नेट प्रॉफिट 10% घटा,
- नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 2.6% कम हुई।
वहीं Bank of India ने बेहतर प्रदर्शन दिखाया:
- नेट प्रॉफिट 8% बढ़ा,
- हालांकि NII में मामूली गिरावट दर्ज की गई।
इस मिश्रित प्रदर्शन के बावजूद, दोनों बैंकों के एसेट क्वालिटी (NPA रेश्यो) में सुधार देखा गया है, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है।
विशेषज्ञों की राय: Round-2 से बैंकिंग सेक्टर में नई स्थिरता आएगी
वित्तीय विशेषज्ञ और मार्केट विश्लेषक अनिल अग्रवाल के अनुसार,Union Bank और Bank of India का मर्जर केवल आकार नहीं, स्ट्रक्चरल स्ट्रेंथ बढ़ाने की दिशा में कदम होगा। PSU बैंकों के पास अब पूंजी और टेक्नोलॉजी दोनों हैं, लेकिन स्केल की कमी है — यह मर्जर उसे पूरा कर सकता है।”यह कदम सरकार की ‘बड़े बैंक, मज़बूत बैंक’ नीति को आगे बढ़ाएगा,छोटे बैंकों की लागत घटेगी,और रिटेल व MSME सेक्टर को लोन वितरण आसान होगा।
कुछ विशेषज्ञों ने चेताया भी है किअगर मर्जर जल्दबाज़ी में किया गया, तो एचआर इंटीग्रेशन और टेक सिस्टम ट्रांजिशन में दिक्कतें आ सकती हैं, जैसा पहले भी देखने को मिला था।”
PSU बैंकों का रिटर्न चार्ट (2019–2025)
| वर्ष | PSU बैंकों का औसत रिटर्न | निजी बैंकों का औसत रिटर्न |
|---|---|---|
| 2019 | 7.4% | 12.6% |
| 2021 | 18.2% | 9.8% |
| 2023 | 42.3% | 28.5% |
| 2025 (YTD) | 36.7% | 19.2% |
(स्रोत: NSE डेटा, KhabarX Research Unit)
वित्त मंत्रालय ने फिलहाल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन बैंकिंग सेक्टर में मर्जर की चर्चा तेज़ है।सरकार 2025–26 के बजट सत्र में बैंकिंग पुनर्गठन से जुड़ी घोषणा कर सकती है।अगर ऐसा होता है तो:PSU बैंकों का मार्केट कैप 20% तक बढ़ सकता है,और भारत में बैंकिंग व्यवस्था और भी केंद्रीकृत हो जाएगी।
निवेशकों के लिए संकेत
विशेषज्ञों का कहना है किUnion Bank of India ₹145–₹150 के बीच मजबूत सपोर्ट ज़ोन पर है।Bank of India ₹140 के ऊपर बने रहने पर ₹160 तक जा सकता है।लेकिन निवेश से पहले सरकारी पुष्टि और Q3 नतीजों का इंतजार करना बेहतर होगा।
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