COVID-19 पिछले पाँच वर्षों से केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनर यह सवाल कर रहे थे कि COVID-19 के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते (DA) का बकाया कब मिलेगा। अब ऐसा प्रतीत होता है कि कर्मचारियों और सेवानिवृत्तों दोनों ने इस उम्मीद को छोड़ दिया है।मार्च 2020 में COVID-19 महामारी के समय, केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता 18 महीने के लिए रोक दिया था। सरकार का कहना था कि उस समय देश की अर्थव्यवस्था पर अभूतपूर्व दबाव था और स्वास्थ्य सेवाओं, महामारी से लड़ने तथा अन्य आवश्यक खर्चों पर ध्यान देना प्राथमिकता थी। वित्त मंत्रालय ने संसद में बार-बार स्पष्ट किया कि इस अवधि का बकाया भुगतान नहीं किया जा सकता।केंद्रीय कर्मचारी और संघों ने अपनी मांग नहीं छोड़ी। उन्होंने कई पत्र और प्रस्तुतियाँ देकर वित्त मंत्रालय को यह समझाने का प्रयास किया कि जब स्थिति सामान्य हो जाए, तब बकाया भुगतान किया जाना चाहिए।
हाल की घटनाएँ और नतीजे
हाल ही में, सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय महासंघ (GENC) के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में प्रारंभ में महंगाई भत्ता बकाया मुद्दा भी शामिल था, लेकिन प्रतिनिधिमंडल ने इसे स्वेच्छा से वापस ले लिया।
बैठक में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी चर्चा के विषय बने:
- कम्युटेड पेंशन का पुनःस्थापन 12 वर्षों के बाद (15 वर्षों की बजाय)
- करुणामयी नियुक्तियों की कोटा में 5% वृद्धि
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करना
- अष्टम वेतन आयोग की स्थापना
- पदोन्नति के लिए निवास अवधि में कमी
DA बकाया: आंकड़ों और महंगाई के प्रभाव के साथ
COVID-19 काल के दौरान रोके गए DA/DR बकाया और महंगाई का प्रभाव तालिका में इस प्रकार है:
अवधि | अनुमानित मासिक DA (₹) | महीनों की संख्या | कुल बकाया (₹) | औसत CPI / महंगाई (%) | आज की कीमतों में मूल्य (₹) |
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जनवरी 2020 – जून 2020 | 5,000 | 6 | 30,000 | 7.6 | 32,280 |
जुलाई 2020 – दिसंबर 2020 | 5,000 | 6 | 30,000 | 6.9 | 31,140 |
जनवरी 2021 – जून 2021 | 5,500 | 6 | 33,000 | 5.1 | 34,650 |
व्याख्या:
- जनवरी 2020 – जून 2021 के दौरान DA/DR का भुगतान रोका गया।
- औसत CPI/महंगाई दर उस समय के अनुसार है।
- “आज की कीमतों में मूल्य” महंगाई के प्रभाव को ध्यान में रखकर अनुमानित किया गया है।
- यदि 1 करोड़ कर्मचारी और पेंशनर इस पर लागू हों, तो कुल बकाया लगभग ₹9 लाख करोड़ होगा। महंगाई समायोजन के बाद आज की क्रय शक्ति ≈ ₹10 लाख करोड़।
कर्मचारियों के लिए इसका अर्थ
अब कर्मचारियों और संघों का ध्यान महंगाई भत्ते पर नहीं है। इसका अर्थ है कि COVID-19 अवधि (जनवरी 2020 – जून 2021) के दौरान रोका गया महंगाई भत्ता मिलने की संभावना लगभग समाप्त हो गई है। अब ध्यान लंबित अन्य मुद्दों जैसे OPS पुनर्स्थापन, पदोन्नति और अष्टम वेतन आयोग पर केंद्रित हो गया है।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए यह अध्याय अब औपचारिक रूप से बंद माना जा सकता है।