EPFO का नया नियम: अब UAN सिर्फ Aadhaar आधारित फेस ऑथेंटिकेशन से ही बनेगा

Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) ने UAN (Universal Account Number) बनाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब किसी भी कर्मचारी का UAN सिर्फ Aadhaar आधारित फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से ही जनरेट किया जा सकेगा। यह फैसला EPFO द्वारा डिजिटल वेरिफिकेशन को मजबूत करने और फर्जी खातों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से लिया गया है।

नया क्या है इस नियम में?

EPFO के अनुसार अब:

  • UAN जनरेट करते समय केवल Aadhaar पर आधारित Face Authentication ही मान्य होगा
  • OTP या फिंगरप्रिंट आधारित प्रक्रियाओं को पूरी तरह से हटाया जा रहा है
  • ये नियम नए कर्मचारियों पर लागू होगा जो पहली बार PF में पंजीकरण करवा रहे हैं

क्या है फेस ऑथेंटिकेशन प्रोसेस?

EPFO अब UIDAI की FaceRD सुविधा का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें:

  • कर्मचारी का Aadhaar नंबर दर्ज किया जाएगा
  • उसके बाद वेबकैम या मोबाइल कैमरा से चेहरे की पुष्टि की जाएगी
  • यह प्रक्रिया पूरी तरह रियल टाइम वेरिफिकेशन पर आधारित होगी

किसे होगा सबसे ज़्यादा असर?

  • नए नियुक्त कर्मचारी
  • जो पहली बार UAN जनरेट करवा रहे हैं
  • जिनके दस्तावेज़ Aadhaar से लिंक नहीं हैं, उन्हें पहले लिंक करवाना अनिवार्य होगा

क्या करें कर्मचारी?

  • सुनिश्चित करें कि आपका Aadhaar अपडेट और फेस रिकॉर्ड क्लियर है
  • EPFO पोर्टल या नजदीकी CSC (Common Service Centre) से प्रक्रिया पूरी की जा सकती है
  • कर्मचारी को खुद के चेहरे का लाइव फोटो देना होगा, जिसमें फेस और आइडेंटिटी मैच की जाएगी

EPFO का मकसद:

EPFO का कहना है कि इस कदम से:

  • डेटा सुरक्षा और पहचान सत्यापन और मजबूत होगा
  • फर्जी UAN या डुप्लिकेट अकाउंट्स पर रोक लगेगी
  • डिजिटलीकरण की दिशा में यह एक और बड़ा कदम है

यह नियम भले ही शुरुआत में कुछ कर्मचारियों के लिए जटिल लगे, लेकिन लंबे समय में यह EPFO की पारदर्शिता और सुरक्षा को नई ऊँचाई देगा।

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