नई दिल्ली। भारत ने बुधवार को अपनी सामरिक ताकत का जोरदार प्रदर्शन करते हुए अग्नि–V इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 5500 किलोमीटर तक है और यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। खास बात यह है कि इसमें इस्तेमाल हुई अधिकांश तकनीक स्वदेशी है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से किया गया। इसका संचालन स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड ने किया, जो देश की परमाणु क्षमता से संबंधित संचालन की जिम्मेदारी संभालती है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सभी तकनीकी और ऑपरेशनल मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
अग्नि–V की रेंज इतनी है कि यह चीन के बीजिंग, शंघाई जैसे शहरों के साथ-साथ पाकिस्तान के कराची और इस्लामाबाद तक पहुंच सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिसाइल भारत की रणनीतिक शक्ति में भारी इजाफा करती है और एशिया ही नहीं, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक भी अपनी पहुंच बना सकती है।
मिसाइल में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में भी सक्षम है। यानी यह मिसाइल दुश्मन की निगरानी प्रणाली से बचते हुए अपने लक्ष्य को भेद सकती है। इसका अर्थ यह है कि भारत अब पूरी तरह से इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक में दक्ष हो चुका है।
इस परीक्षण के जरिए भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह मिसाइल भारत की ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति के तहत रक्षा तैयारियों को और मजबूत करती है, जिससे शांति बनाए रखने की कोशिशों को नया बल मिलता है।
