भागलपुर, बिहार | 25 अगस्त 2025
बिहार के भागलपुर जिले से सामने आई एक चौंकाने वाली जानकारी ने प्रशासन से लेकर शिक्षा विभाग तक को सकते में डाल दिया है। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान यह खुलासा हुआ कि जिले के एक सरकारी विद्यालय में कार्यरत महिला शिक्षिका मूल रूप से पाकिस्तानी नागरिक हैं, जो पिछले पांच दशकों से पहचान छिपाकर भारत में रह रही हैं।
मामला इमराना खातून उर्फ इमराना खानम का है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने बिना भारतीय नागरिकता लिए न केवल देश की विभिन्न शैक्षणिक परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं, बल्कि सरकारी शिक्षक की नौकरी भी हासिल कर ली।
गृह विशेष विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमराना की नागरिकता को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े हुए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वह मूलरूप से पाकिस्तान की नागरिक हैं और इमराना खानम नाम से भारत आई थीं। पहचान बदलकर उन्होंने इमराना खातून नाम से मतदाता पहचान पत्र, शैक्षणिक प्रमाणपत्र और नौकरी के दस्तावेज तैयार कराए।
इमराना की सरकारी सेवा में नियुक्ति 31 जनवरी 2012 को हुई थी। शुरुआत में उन्हें नारायणपुर प्रखंड के एक स्कूल में तैनात किया गया था, और 18 जुलाई 2013 से वे भागलपुर शहर के राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय में कार्यरत हैं। नियुक्ति बिहार सरकार के 34,540 शिक्षक नियोजन कोटे से हुई थी।
सूत्रों की मानें तो उनके खिलाफ पहले भी कई बार शिकायतें हुईं, लेकिन कभी गहन जांच नहीं कराई गई। यह मामला अब इसलिए और गंभीर हो गया है क्योंकि उनके स्कूल में उपस्थिति के रिकॉर्ड में भी गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक अब्दुल हई ने जानकारी दी कि इमराना 23 जुलाई से 16 अगस्त तक मेडिकल लीव पर थीं। 17 अगस्त को उन्होंने विद्यालय में उपस्थिति दर्ज कराई थी। लेकिन विभाग द्वारा जब ऑनलाइन उपस्थिति फोटो की रैंडम जांच की गई तो पाया गया कि उनकी अधिकांश तस्वीरें एक ही पृष्ठभूमि और ब्लैकबोर्ड के साथ थीं, जिस पर एक ही तरह के आंकड़े लिखे गए थे। यह दर्शाता है कि उपस्थिति दर्ज कराने में भी संभावित फर्जीवाड़ा किया गया है।