5G के बाद अब 6G की तैयारी – जानिए भारत का पूरा रोडमैप

भारत में 5G लॉन्च के बाद अब टेलीकॉम सेक्टर अगली पीढ़ी की तकनीक यानी 6G की ओर बढ़ रहा है। सरकार और प्रमुख टेक कंपनियां मिलकर 6G नेटवर्क को 2030 तक लॉन्च करने की दिशा में काम कर रही हैं। यह तकनीक न सिर्फ इंटरनेट की स्पीड बढ़ाएगी बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियलिटी, स्मार्ट सिटीज़ और इंडस्ट्री 4.0 को नए स्तर पर ले जाएगी।

6G क्या है?

6G (Sixth Generation Wireless Technology) मोबाइल नेटवर्क की अगली पीढ़ी है, जो 5G की तुलना में 50 से 100 गुना तेज इंटरनेट स्पीड दे सकती है।

  • अंदाजित स्पीड: 1 Tbps तक
  • लेटेंसी: लगभग 1 माइक्रोसेकंड
  • मुख्य फोकस: हाइपर-कनेक्टिविटी, AI-इंटीग्रेशन, होलोग्राम कॉलिंग, और ऑगमेंटेड रियलिटी।

भारत का 6G रोडमैप

भारत सरकार ने मार्च 2023 में 6G टेस्टबेड और विज़न डॉक्युमेंट लॉन्च किया, जिसमें 2030 तक 6G रोलआउट का लक्ष्य तय किया गया है।

  • 2025-2027: 6G टेक्नोलॉजी का रिसर्च और डेवलपमेंट
  • 2028-2029: ट्रायल और टेस्टिंग फेज
  • 2030: कॉमर्शियल लॉन्च

6G से क्या बदल जाएगा?

  1. इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का विस्फोट: हर डिवाइस आपस में जुड़ेगा, स्मार्ट होम और स्मार्ट फैक्ट्री का विस्तार होगा।
  2. मेडिकल इनोवेशन: रिमोट सर्जरी और लाइव हेल्थ मॉनिटरिंग बेहद आसान हो जाएगी।
  3. शिक्षा और वर्कस्पेस: होलोग्राम क्लासरूम और वर्चुअल ऑफिस आम हो जाएंगे।
  4. डिजिटल इकॉनमी: फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन और भी तेज़ और सुरक्षित होंगे।

ग्लोबल मुकाबले में भारत

अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन पहले से ही 6G रिसर्च में निवेश कर रहे हैं। भारत इस रेस में Make in India और Atmanirbhar Bharat के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है।

चुनौतियां

  • 6G के लिए हाई-फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम की जरूरत
  • रिसर्च और डेवलपमेंट में भारी निवेश
  • सिक्योरिटी और डेटा प्राइवेसी को लेकर सख्त पॉलिसी

5G ने भारत में डिजिटल क्रांति को नई गति दी है, और अब 6G इस सफर को अगले स्तर पर ले जाएगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो 2030 तक भारत 6G लॉन्च करने वाले अग्रणी देशों में शामिल होगा।

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