मोदी और शी की मुलाकात: ट्रम्प बने ‘वाइल्डकार्ड’, जानिए बैठक से निकले बड़े फ़ैसले

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने वैश्विक राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। लेकिन इस बार, एक तीसरे चेहरे ने पूरी तस्वीर को और दिलचस्प बना दिया — अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जिन्हें विशेषज्ञ इस पूरी कहानी का “वाइल्डकार्ड” मान रहे हैं।

मुलाकात का बैकड्रॉप: तनाव और अवसर

मोदी और शी के बीच यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब दोनों देशों के रिश्ते सीमा विवाद, व्यापार तनाव और क्षेत्रीय भू-राजनीति से प्रभावित हैं।

  • लद्दाख और अरुणाचल में सीमा विवाद अभी भी अनसुलझा है।
  • BRICS और G20 समिट जैसे मंचों पर सहयोग के बावजूद दोनों देशों के बीच भरोसे की खाई बनी हुई है।
  • अमेरिका और चीन की खींचतान ने भारत के लिए रणनीतिक स्पेस बढ़ा दिया है।

बैठक की अहम बातें

  1. सीमा विवाद पर संवाद – दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति बनाए रखने और सैनिकों की तैनाती में धीरे-धीरे कमी लाने की बात की।
  2. व्यापार सहयोग – भारत-चीन के बीच व्यापार घाटे को कम करने और सप्लाई चेन को संतुलित करने पर चर्चा हुई।
  3. ग्लोबल साउथ की आवाज़ – दोनों नेताओं ने अफ्रीका और एशिया के विकासशील देशों के मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने का संकल्प दोहराया।
  4. कूटनीतिक बैलेंसिंग – मोदी ने चीन को साफ संकेत दिया कि भारत, अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी जारी रखेगा लेकिन बातचीत का दरवाज़ा चीन के लिए भी खुला है।

ट्रम्प का ‘वाइल्डकार्ड’ फैक्टर

यहां सबसे दिलचस्प पहलू है डोनाल्ड ट्रम्प की अप्रत्याशित भूमिका

  • अमेरिकी चुनाव नज़दीक हैं और ट्रम्प की वापसी की संभावनाओं पर पूरी दुनिया की नज़र है।
  • ट्रम्प का ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि वे चीन पर आक्रामक, लेकिन भारत के प्रति लचीले रहे हैं।
  • यदि ट्रम्प सत्ता में लौटते हैं, तो वे एशियाई राजनीति का गणित पूरी तरह बदल सकते हैं।
  • इसीलिए मोदी और शी की बातचीत में ट्रम्प की परछाई साफ दिखाई दी।

बैठक से निकले बड़े निष्कर्ष

  1. भारत-चीन रिश्तों में थोड़ी नरमी दिखी है, लेकिन भरोसे की खाई गहरी है।
  2. अमेरिका का फैक्टर दोनों देशों के लिए निर्णायक बना रहेगा।
  3. ट्रम्प की वापसी पूरी एशिया-प्रशांत रणनीति को नया मोड़ दे सकती है।
  4. आने वाले महीनों में सीमा, व्यापार और भू-राजनीति तीनों मोर्चों पर असली परीक्षा होगी।

अभी तो शुरुआत है

मोदी-शी मुलाकात को कोई भी “बड़ा ब्रेकथ्रू” नहीं कह सकता, लेकिन यह बातचीत संकेत देती है कि दोनों देश संवाद से रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं। असली खेल इस बात पर टिका होगा कि ट्रम्प की राजनीति और अमेरिका-चीन संबंध किस ओर जाते हैं। फिलहाल इतना तय है कि भारत, चीन और अमेरिका — तीनों के बीच चल रहा यह ‘त्रिकोणीय खेल’ आने वाले समय में पूरी दुनिया की सुर्खियों में रहेगा।

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