हर साल लाखों छात्र NEET परीक्षा में अपने सपनों की उड़ान भरने निकलते हैं। किसी के लिए यह डॉक्टर बनने की पहली सीढ़ी होती है, तो किसी के लिए परिवार की उम्मीदों का आखिरी सहारा। लेकिन जब ऐसी परीक्षा में घोटाले की खबर आती है, तो सिर्फ व्यवस्था पर ही नहीं, विश्वास पर भी सवाल खड़े हो जाते हैं।
2025 में हुए NEET घोटाले ने देशभर के छात्रों को झकझोर दिया है। इस लेख में हम समझेंगे कि ये घोटाला कब और कैसे हुआ, कौन-कौन इसमें शामिल था, और अब तक की जांच कहां तक पहुंची है।
घोटाले की शुरुआत: क्या हुआ 5 मई 2025 को?
NEET-UG परीक्षा 5 मई 2025 को देशभर में आयोजित हुई।
परीक्षा के एक दिन बाद ही सोशल मीडिया पर कुछ सवाल पत्र और उत्तर वायरल होने लगे। छात्रों ने दावा किया कि उन्हें पहले से ही वही प्रश्न कहीं और मिल चुके थे।
जल्द ही खबर आई कि कुछ राज्यों में पेपर लीक हुआ था, और कुछ केंद्रों पर छात्रों से पैसे लेकर सेट पेपर दिए गए थे।
CBI और NTA की जांच: अब तक क्या सामने आया?
पिछले दो महीने में जांच एजेंसियों ने जो जानकारी दी है, वो चौंकाने वाली है:
- कुछ कोचिंग सेंटर और एजुकेशनल माफिया पेपर लीक में शामिल थे।
- बिहार, राजस्थान और हरियाणा में एफआईआर दर्ज हुई।
- NTA ने माना कि कुछ परीक्षा केंद्रों पर प्रोसेस में लापरवाही हुई थी।
- 30 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें अधिकारी, कोचिंग संचालक और बिचौलिये शामिल हैं।
छात्रों का गुस्सा और हताशा
इस घोटाले ने लाखों छात्रों की मेहनत पर सवाल उठा दिए हैं। कई छात्रों ने कहा कि उन्होंने 2 साल की मेहनत, नींदें और आत्मविश्वास इस परीक्षा में झोंक दिए थे — और अब उन्हें फिर से अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है।
कई जगहों पर प्रदर्शन हुए, छात्रों ने पुनः परीक्षा की मांग की, तो कुछ ने सीटों पर रोक लगाने की बात कही।
⚖️ सरकार का जवाब: फिर से परीक्षा या नहीं?
अब तक सरकार ने स्पष्ट रूप से दो बातें कहीं हैं:
- जांच पूरी होने तक कुछ राज्यों की सीटें रोकी जाएंगी।
- पुनः परीक्षा का निर्णय Supreme Court के आदेश के बाद ही लिया जाएगा।
NTA ने यह भी कहा है कि जो छात्र निर्दोष हैं, उनका भविष्य सुरक्षित रखा जाएगा।
क्या NEET की विश्वसनीयता पर अब सवाल उठना जायज़ है?
यह पहली बार नहीं है जब NEET पर विवाद हुआ हो। इससे पहले भी 2020 और 2023 में पेपर लीक या सिस्टम फेलियर की खबरें आ चुकी हैं।
अब सवाल यह नहीं है कि घोटाला हुआ या नहीं, सवाल यह है कि हर साल ऐसा क्यों हो रहा है?
कब तक मेहनती छात्रों का भविष्य ऐसे सिस्टम की भेंट चढ़ता रहेगा?
आपकी राय क्या है?
क्या आपको लगता है कि 2025 का NEET परीक्षा दोबारा होनी चाहिए?
या सिर्फ दोषियों की पहचान करके बाकी छात्रों को आगे बढ़ने दिया जाए?
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