बिहार के भागलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम सूर्यघर योजना का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। यह योजना न केवल बिजली बिल को कम कर रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
स्थानीय निवासियों के अनुभव
भागलपुर के निवासी और योजना के लाभार्थी मिथिलेश कुमार ने बताया कि सोलर पैनल लगाने के बाद उनका बिजली बिल लगभग शून्य हो गया है। अब वे खुद बिजली उत्पादन कर उपयोग करते हैं और केवल मीटर का न्यूनतम शुल्क चुकाना पड़ता है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का नारा ‘एक पेड़ मां के नाम’ की तरह ही सोलर पैनल को ‘एक सोलर पैनल 54 पेड़ के नाम’ कहा जाता है। यह सचमुच जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक बड़ी मुहिम है।”
आर्थिक और पर्यावरणीय फायदा
- सोलर पैनल लगाने से परिवारों का मासिक बिजली खर्च लगभग खत्म हो गया है।
- अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में देकर लोग आय भी अर्जित कर सकते हैं।
- हर सोलर पैनल 54 पेड़ों के बराबर पर्यावरणीय योगदान करता है।
- इससे ग्लोबल वार्मिंग और कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलती है।
बिहार में बढ़ रही सोलर की पहुंच
बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है, ऐसे में पीएम सूर्यघर योजना बिहार जैसे राज्यों के लिए वरदान साबित हो रही है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग इसे अपनाकर न केवल आत्मनिर्भर हो रहे हैं बल्कि स्वच्छ ऊर्जा की ओर भी कदम बढ़ा रहे हैं।