Sawan 2025: सावन में भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना अधूरी रह जाएगी भोलेनाथ की पूजा

 सावन – श्रद्धा, साधना और संयम का महीना

हर साल जब वर्षा की पहली बूंदें धरती को छूती हैं, तो वातावरण शिवमय हो उठता है। सावन का महीना, भगवान भोलेनाथ की भक्ति का पवित्र समय है। भक्त व्रत रखते हैं, मंदिरों में घंटियां बजती हैं, और शिवलिंग पर जल व बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं।

लेकिन क्या केवल पूजा-अर्चना ही काफी है? धार्मिक ग्रंथ और पुरानी परंपराएं कुछ ऐसे नियमों का ज़िक्र करती हैं, जिन्हें सावन में तोड़ना अशुभ माना गया है।

 आइए जानें वे 5 काम, जिन्हें सावन 2025 (11 जुलाई से शुरू) में भूलकर भी न करें:

1️बाल और दाढ़ी कटवाने से बचें

 क्या करें: नाई की दुकान से दूरी बनाए रखें।

क्यों?
मान्यता है कि सावन में बाल या दाढ़ी कटवाने से जीवन में बाधाएं आ सकती हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा में कमी का कारण बन सकता है और मानसिक एकाग्रता पर भी प्रभाव डालता है।

2️शरीर पर तेल लगाना वर्जित

 क्या करें: शरीर या सिर पर तेल मालिश।

शास्त्रों का आधार:
स्कंद पुराण के अनुसार सावन में विशेषकर सोमवार को तेल लगाना अशुभ माना गया है। यह नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करता है और शरीर की ऊर्जा में असंतुलन पैदा कर सकता है।

3️दही का सेवन करें

 क्या करें: रात में या नियमित रूप से दही खाना।

धार्मिक कारण:
मान्यता है कि सावन में दही खाने से शुक्र दोष उत्पन्न हो सकता है, जिससे भाग्य में रुकावटें आ सकती हैं। इसकी जगह छाछ या नींबू पानी लेना बेहतर होता है।

4️दूध पीने से करें परहेज

 क्या करें: रोज़ाना दूध का सेवन।

क्यों?
हालांकि शिवलिंग पर दूध चढ़ाना पुण्यदायी है, लेकिन खुद दूध पीना शरीर में गर्मी और त्वचा रोग उत्पन्न कर सकता है। खासकर व्रत रखने वालों के लिए फलाहार ही श्रेष्ठ माना गया है।

5️बिस्तर पर सोएं

 क्या करें: आरामदायक पलंग या गद्दे पर सोना।

धार्मिक परंपरा:
सावन में व्रत रखने वाले भक्तों को धरती पर चटाई या दरी बिछाकर सोना चाहिए। यह विनम्रता और शुद्धता का प्रतीक है, जिससे आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।

 क्यों जरूरी है इन नियमों का पालन?

सावन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुशासन का अवसर है। इन नियमों का पालन करने से न सिर्फ भक्ति का प्रभाव बढ़ता है, बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक शांति भी बनी रहती है।

Share:

WhatsApp
Telegram
Facebook
Twitter
LinkedIn