कभी सिगरेट और शराब को “लड़कों” की आदत माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में भारत के शहरी इलाकों में तस्वीर बदल रही है। कॉलेज कैंपस से लेकर कॉरपोरेट पार्टियों तक, अब लड़कियों में भी smoking और drinking का ट्रेंड तेज़ी से बढ़ रहा है।
डेटा क्या कहता है?
- NFHS-5 (2019–21) रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में लगभग 1% महिलाएं नियमित रूप से स्मोकिंग करती हैं। ग्रामीण इलाकों में यह संख्या कम है, लेकिन शहरी महिलाओं में यह औसत लगभग दोगुना पाया गया।
- WHO की 2022 रिपोर्ट बताती है कि भारत में करीब 2.7 करोड़ महिलाएं किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करती हैं।
- Alcohol consumption पर 2010 की तुलना में 2025 तक urban women drinkers की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है।
ट्रेंड क्यों बढ़ रहा है?
- Stress और Independence – पढ़ाई या नौकरी के दबाव से निकलने का तरीका।
- Peer Pressure और Cool Factor – “Swag” या “Modern” दिखने की चाहत।
- Cinema और Social Media – वेब सीरीज़ और reels में smoking-drinking को glamour की तरह दिखाना।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की चेतावनी
डॉक्टरों के मुताबिक़ यह ट्रेंड गंभीर खतरे की ओर इशारा करता है।
- स्मोकिंग से फेफड़ों का कैंसर, हार्ट डिज़ीज़ और गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
- लगातार शराब पीने से लिवर डैमेज, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और एडिक्शन का खतरा तेज़ हो जाता है।
समाज में बदलती सोच
दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने बताया –
“Smoking-drinking अब सिर्फ़ लड़कों की चीज़ नहीं मानी जाती। ये हमारी generation की ‘फ्रीडम ऑफ़ चॉइस’ का हिस्सा है।”
हालांकि, दूसरी ओर कई परिवार और समाज के बड़े लोग इसे “ग़लत पश्चिमी प्रभाव” मानते हैं।
