टाइलेनॉल और टीकाकरण पर डोनाल्ड ट्रम्प के विवादास्पद बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में गर्भावस्था के दौरान दर्द निवारक दवा टाइलेनॉल (एसीटामिनोफेन) के इस्तेमाल को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने दावा किया कि इसका सेवन ऑटिज़्म से जुड़ा हो सकता है और इसे गर्भवती महिलाओं के लिए असुरक्षित बताया। ट्रम्प ने महिलाओं को सलाह दी कि वे चिकित्सकीय आवश्यकता न होने तक टाइलेनॉल का इस्तेमाल सीमित करें।
ट्रम्प ने कहा—
“यह ठीक नहीं है। गर्भावस्था में टाइलेनॉल माँ और भ्रूण दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर बहुत ज़रूरी न हो, तो इससे बचना चाहिए।” हालांकि, चिकित्सा विशेषज्ञ लंबे समय से यह मानते आए हैं कि एसीटामिनोफेन गर्भावस्था के दौरान सबसे सुरक्षित दर्द निवारक दवाओं में से एक है। उनका कहना है कि बिना इलाज के बुखार और दर्द स्वयं गर्भवती महिला और भ्रूण दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। अब तक टाइलेनॉल और ऑटिज़्म के बीच प्रत्यक्ष संबंध का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
टीकाकरण कार्यक्रम पर भी विवाद
इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने अमेरिका के मानक शिशु टीकाकरण कार्यक्रम पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने बिना सबूत दिए यह कहा कि नवजात शिशुओं को जन्म के 24 घंटों के भीतर हेपेटाइटिस बी का टीका लगाना अनावश्यक है। ट्रम्प ने सुझाव दिया कि बच्चों का टीकाकरण तब तक टालना चाहिए जब तक वे 12 साल के न हो जाएँ। यह बयान चिकित्सा पेशेवरों और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की दशकों पुरानी सलाह के पूरी तरह खिलाफ है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हेपेटाइटिस बी एक गंभीर और संभावित रूप से कैंसरकारी बीमारी है, जो माँ से बच्चे में प्रसव के दौरान भी फैल सकती है। इसलिए नवजात को जन्म के तुरंत बाद टीका लगाना बेहद ज़रूरी है।
ल्यूकोवोरिन को लेकर नई बहस
ट्रम्प के बयानों के बीच, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने ल्यूकोवोरिन नामक दवा को ऑटिज़्म के इलाज के लिए अधिकृत किया है। यह फोलिक एसिड का एक केंद्रित संस्करण है, जिसे अक्सर गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है। अमेरिका के विवादास्पद स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने इसे “ऑटिस्टिक बच्चों के लिए रोमांचक चिकित्सा” बताया है। हालाँकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ऑटिज़्म पर इसके असर को लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।