सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए यह रिपोर्ट बेहद अहम है।सातवें वेतन आयोग के बाद से अब तक केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में जो प्रतिशत वृद्धि की है, उस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।कई अर्थशास्त्रियों और रक्षा पेंशन विशेषज्ञों का कहना है कि 2016 से 2025 के बीच डीए-डीआर वृद्धि दर लगभग आधी रह गई — जबकि इससे पहले के दस वर्षों (2006–2015) में यह 125% तक बढ़ी थी।
KhabarX की यह पड़ताल बताती है कि यह अंतर केवल महंगाई घटने की वजह से नहीं, बल्कि AICPI (All India Consumer Price Index) के निर्धारण फॉर्मूले में बदलाव और उसके “वेटेज” में फेरबदल के कारण भी हुआ।
6th Pay Commission बनाम 7th Pay Commission का असली अंतर
जब 6th Pay Commission (2006–2015) लागू हुआ था, तब हर 6 महीने पर डीए की समीक्षा होती थी।महंगाई दर के अनुपात में डीए बढ़ता गया और 10 सालों में यह 0% से 125% तक पहुंच गया।लेकिन 7th Pay Commission (2016–2025) के दौरान डीए वृद्धि दर 0% से मुश्किल से 58–60% तक ही पहुंची।यानी लगभग 65% का सीधा अंतर।
6th CPC (2006–2015): +125%
7th CPC (2016–2025): +60%
Difference: 65% (जो सरकार की “बचत” बताई जा रही है)
AICPIN फॉर्मूले में बदलाव — असली खेल यहीं से शुरू हुआ
2023 में संसद में राज्यसभा के अंदर एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने खुद स्वीकार किया कि AICPIN के निर्धारण का फार्मूला बदला गया था।2001 का फॉर्मूला → 2016 के फॉर्मूले में बदला गया।इस बदलाव में मुख्य बिंदु था वेटेज (weightage) का पुनः निर्धारण।
| श्रेणी | 2001 फॉर्मूला | 2016 फॉर्मूला |
|---|---|---|
| Food & Beverages | 46.20% | 39.20% |
| Housing | 15.27% | 10.07% |
| Fuel & Light | 6.43% | 5.84% |
| Clothing | 6.57% | 6.10% |
इसका असर यह हुआ कि जो महंगाई असल में जनता महसूस कर रही थी,वह सांख्यिकीय रूप से कम दिखाई देने लगी।और जब महंगाई कम दिखाई देती है, तो DA/DR का प्रतिशत भी कम बढ़ता है।यही है असली सरकारी गणित”।
बचत का अनुमान — करोड़ों में खेल
नीचे दिया गया तुलनात्मक डेटा दर्शाता है कि कैसे हर छह महीने में सरकार ने डीए प्रतिशत घटाकर बड़ी-बड़ी रकम बचाई —
| अवधि | 6th CPC DA (%) | 7th CPC DA (%) | बचत (%) |
|---|---|---|---|
| 2008 (Jan–Jun) | 12 | 7 | 5 |
| 2012 (Jul–Dec) | 72 | 38 | 34 |
| 2014 (Jan–Jun) | 100 | 50 | 50 |
| 2015 (Jul–Dec) | 119 | 58 | 61 |
| 2016 (Jan–Jun) | 125 | 60 | 65 |
अगर औसत तौर पर 30–60% बचत मान ली जाए तो सरकारी कर्मचारियों के डीए में10 साल में सरकार ने लाखों करोड़ रुपये बचा लिए।
कोविड काल का DA Freeze — जब राहत भी रोक दी गई
अप्रैल 2020 से जून 2021 तक सरकार ने सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के DA/DR पर रोक (Freeze) लगा दी थी।लगभग 18 महीनों तक डीए नहीं बढ़ाया गया।इस दौरान अनुमानतः सरकार ने 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत की।बाद में डीए बढ़ाया जरूर गया, लेकिन arrears नहीं दिए गए।इसलिए ये भी “बचत” की श्रेणी में आता है।अब जब 8th Pay Commission की तैयारी शुरू हो चुकी है,तो सबसे बड़ा मुद्दा यही बनता है कि —क्या सरकार इन बचाए गए अरबों-खरबों रुपये को फिटमेंट फैक्टर बढ़ाकर कर्मचारियों को लौटाएगी?
फिलहाल विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार इस अंतर को ध्यान में रखे,तो फिटमेंट फैक्टर 3.0 से ऊपर, यानी 3.5 तक जा सकता है।इससे बेसिक पे में 25–30% तक का उछाल संभव है।

विशेषज्ञों और पूर्व वित्त अधिकारियों की राय
पूर्व रक्षा लेखाधिकारी (Retd) के अनुसार:DA निर्धारण के लिए CPI डेटा का वास्तविक उपयोग कम कर दिया गया है। इससे वास्तविक महंगाई का असर कर्मचारियों की आय में नहीं झलकता।”रिटायर्ड IAS अधिकारी (नाम गुप्त) का कहना: AICPIN का 2016 बेस बदलने से सरकार ने भविष्य की DA देनदारियां कम कर लीं। यह तकनीकी बचत है, लेकिन नैतिक सवाल उठाता है।AICPIN फार्मूले में बदलाव से DA वृद्धि दर आधी हो गई।संसद में खुद सरकार ने इसे स्वीकार किया।और कोविड काल में arrears रोककर बचत को और बढ़ाया गया।अब सवाल यह है कि:क्या 8th Pay Commission इस बचाए गए पैसे को लौटाएगा?कर्मचारी संगठनों को चाहिए कि वे इस मुद्दे को जस्टिफाइड डेटा के साथ आयोग के समक्ष रखें।सातवें वेतन आयोग के बाद के 10 साल सरकार के लिए “बचत के दशक” रहे,लेकिन कर्मचारियों के लिए यह “महंगाई के बोझ का दशक” बन गया।अगर सरकार ने वास्तव में पारदर्शिता और न्याय की राह अपनाई,तो 8वें वेतन आयोग में एक ऐतिहासिक फिटमेंट फैक्टर वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है।
Disclaimer
KhabarX यह स्पष्ट करता है कि यह रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सरकारी दस्तावेज़ों, संसद में दिए गए बयानों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है।इसका उद्देश्य केवल तथ्यात्मक विश्लेषण और जन-जागरूकता है।किसी भी निष्कर्ष को सरकारी निर्णय का रूप न माना जाए।










