नई दिल्ली — भारत सरकार के लगभग 1.12 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी इस समय एक बड़े बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे हैं: 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का लागू होना। 7वें वेतन आयोग की अवधि दिसंबर 2025 में समाप्त हो रही है, और लोगों को उम्मीद है कि जनवरी 2026 से उन्हें नई सैलरी स्ट्रक्चर का लाभ मिलेगा। लेकिन हाल ही में आई रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की राय कुछ और ही इशारा कर रही है — इस बदलाव में 2027 तक की देरी हो सकती है।
Ambit Capital की रिपोर्ट का खुलासा: कब और कितना मिलेगा फायदा?
Ambit Capital की रिपोर्ट “8th Pay: Will it be bang for the buck?” में बताया गया है कि:
- अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो बेसिक पे + DA + अन्य भत्तों में 30-34% तक की वृद्धि देखी जा सकती है।
- लेकिन इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इसे लागू होने में अप्रैल 2026 से मार्च 2027 (FY27) तक का समय लग सकता है।
यानी, जिस बढ़ोतरी का लोग जनवरी 2026 से सपना देख रहे हैं, वो कम से कम एक साल की देरी से हकीकत बन सकती है।
सरकारी प्रक्रिया क्यों हो रही है धीमी?
हालांकि जनवरी 2025 में सरकार ने आधिकारिक रूप से 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी, लेकिन अब तक न तो चेयरमैन चुना गया है, न कोई सदस्य, और न ही ‘Terms of Reference’ तैयार हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वकील संदीप बजाज कहते हैं:
“आयोग बनते ही लागू नहीं होता। 7वें आयोग को भी 2 साल लगे थे। चेयरपर्सन की नियुक्ति, बैठकें, रिपोर्ट और समीक्षा — ये सब समय लेता है।”
इतना ही नहीं, बजाज ने ये भी साफ किया कि वित्त मंत्रालय ने 2025-26 के बजट में इस वेतन आयोग को लेकर कोई विशेष आवंटन नहीं किया है — जो एक गंभीर संकेत है कि इसे तुरंत लागू करने की मंशा नहीं दिख रही।
वित्तीय बोझ बन रही है बड़ी रुकावट
Ambit की रिपोर्ट के अनुसार:
- अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग को लागू करने पर सरकार को करीब ₹1.8 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे।
- मौजूदा समय में ₹50,000 बेसिक सैलरी पाने वाले कर्मचारी की सैलरी, DA के 60% तक पहुंचने के साथ, कम से कम ₹57,000–₹77,000 तक बढ़ सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह बढ़ोतरी न केवल सैलरी, बल्कि पेंशन, ग्रेच्युटी, और रिटायरमेंट बेनिफिट्स पर भी असर डालेगी।
क्या मिलेगा पीछे का पैसा (arrears)?
सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि यदि देरी होती है, तो बढ़ी हुई सैलरी का एरियर (arrears) मिलेगा।
लेकिन इस प्रक्रिया में भी DA hike जैसा pattern दिखता है:
- जनवरी में बढ़ा DA मार्च में मिलता है।
- जुलाई में बढ़ा DA, अक्टूबर की सैलरी के साथ आता है।
ऐसे में अगर 8वें वेतन आयोग में 1 साल की देरी होती है, तो सरकार को 2026 का पूरा एरियर 2027 में देना पड़ सकता है, जिससे वित्तीय दबाव और बढ़ेगा।
राजनीति भी है एक वजह?
Rohit Jain, सीनियर पार्टनर (Singhania & Co.) का कहना है:
“सरकार हर वेतन आयोग का फायदा चुनावी दौर में उठाना चाहती है। संभव है कि 2026 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए इसे जानबूझकर टाला जा रहा हो।”
यह विश्लेषण इशारा करता है कि राजनीतिक टाइमिंग, ब्यूरोक्रेटिक सुस्ती, और राजकोषीय चिंता, तीनों कारण मिलकर 8वें वेतन आयोग को धीमा कर रहे हैं।










