हुसैन सागर की लहरों से लेकर कुकटपल्ली और मियापुर के छोटे तालाबों तक—छठ मईया की महिमा एक बार फिर हैदराबाद में गूंजने वाली है। इस बार भी हजारों श्रद्धालु सूर्य उपासना के इस महान पर्व में शामिल होंगे। दीपावली के बाद जब देश के कई हिस्सों में त्योहारों का समापन होता है, तब बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और बंगाल के लोग छठ पूजा के जरिए आस्था की नई रोशनी जगाते हैं।अब यही परंपरा हैदराबाद में भी दो दशकों से गहराई तक जुड़ चुकी है।
क्या है छठ पूजा?
छठ पूजा सूर्य देव और उनकी पत्नी ऊषा (भोर की पहली किरण) को समर्पित है। यह पर्व जीवन, ऊर्जा और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का प्रतीक है।
‘छठ’ शब्द का अर्थ है — दीपावली के छठे दिन मनाया जाने वाला पर्व।इस दिन भक्त डूबते और उगते सूर्य दोनों को अर्घ्य देकर जीवन के निरंतर प्रवाह के लिए प्रार्थना करते हैं।
दो दशक की परंपरा: हैदराबाद में बढ़ती आस्था
पिछले बीस वर्षों में हैदराबाद में छठ पूजा का स्वरूप बदल चुका है।जन सेवा संघ (Vinoy Kumar Singh) और बिहार एसोसिएशन हैदराबाद (Hareram Singh) हर साल तेलंगाना सरकार के साथ मिलकर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हैं।इन संगठनों की पहल से आज यह पर्व सिर्फ बिहारियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सभी समुदायों के बीच आपसी सौहार्द का प्रतीक बन गया है।नगर प्रशासन विभाग (MAUD) के निर्देश पर GHMC ने इस वर्ष 29 स्थानों पर छठ पूजा की अनुमति दी है।सभी जोनल ऑफिसरों को स्थल की सफाई, बिजली, रोशनी, सीढ़ियां, मंच, पंडाल और सुरक्षा की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।पूजा 26 से 28 अक्टूबर तक चलेगी, जबकि भक्त 25 अक्टूबर से ही व्रत प्रारंभ करेंगे।
चार दिन का पवित्र अनुष्ठान
- पहला दिन – नहाय खाय (25 अक्टूबर):
भक्त नदी या तालाब में स्नान कर शरीर-मन की शुद्धि करते हैं और सादा सात्विक भोजन (चावल, दाल, कद्दू) ग्रहण करते हैं। - दूसरा दिन – खरना (26 अक्टूबर):
पूरा दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। सूर्यास्त के बाद ‘गुड़ का खीर’ और फल से व्रत तोड़ा जाता है। - तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य (27 अक्टूबर):
शाम को भक्त तालाब या नदी किनारे कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। प्रसाद में ठेकुआ, केला, गन्ना और फल चढ़ाए जाते हैं। - चौथा दिन – उषा अर्घ्य (28 अक्टूबर):
प्रातःकाल भक्त उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करते हैं। यह क्षण नई शुरुआत और आशा का प्रतीक माना जाता है।









