देश के छोटे और मंझोले कारोबारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। सरकार ने शनिवार, 1 नवंबर 2025 से सरलीकृत जीएसटी रजिस्ट्रेशन योजना (Simplified GST Registration Scheme) लागू करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत छोटे और कम जोखिम वाले व्यवसायों को अब सिर्फ 3 कार्यदिवसों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन मिल सकेगा।
जीएसटी विभाग के अनुसार, ऐसे व्यापारी जिनका मासिक आउटपुट टैक्स दायित्व ₹2.5 लाख से कम (CGST, SGST/UTGST और IGST सहित) है, वे इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा, वे व्यवसाय जिन्हें डेटा एनालिसिस के आधार पर ‘लो-रिस्क’ श्रेणी में रखा गया है, उन्हें भी तेज रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का लाभ मिलेगा।यह फैसला सितंबर 3 को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में लिया गया था, जिसमें केंद्र और राज्य के वित्त मंत्रियों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। योजना में व्यवसायों को स्वेच्छा से शामिल होने और बाहर निकलने की सुविधा भी दी जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गाजियाबाद में सीजीएसटी भवन के उद्घाटन के दौरान कहा
1 नवंबर से शुरू हो रही यह योजना नए आवेदनकर्ताओं में से लगभग 96% को लाभ पहुंचाएगी। फील्ड अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि यह प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के पूरी हो।
उन्होंने सीबीआईसी को यह भी निर्देश दिया कि जीएसटी सेवा केंद्रों (GST Seva Kendras) पर एक डेडिकेटेड हेल्प डेस्क बनाया जाए, ताकि व्यापारी आसानी से आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकें।वर्तमान में देशभर में 1.54 करोड़ से अधिक व्यवसाय जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं, और नई योजना से लाखों छोटे व्यापारियों को त्वरित सुविधा मिलने की उम्मीद है।देश के छोटे और मंझोले कारोबारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। सरकार ने शनिवार, 1 नवंबर 2025 से सरलीकृत जीएसटी रजिस्ट्रेशन योजना (Simplified GST Registration Scheme) लागू करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत छोटे और कम जोखिम वाले व्यवसायों को अब सिर्फ 3 कार्यदिवसों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन मिल सकेगा।
जीएसटी विभाग के अनुसार, ऐसे व्यापारी जिनका मासिक आउटपुट टैक्स दायित्व ₹2.5 लाख से कम (CGST, SGST/UTGST और IGST सहित) है, वे इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा, वे व्यवसाय जिन्हें डेटा एनालिसिस के आधार पर ‘लो-रिस्क’ श्रेणी में रखा गया है, उन्हें भी तेज रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का लाभ मिलेगा।यह फैसला सितंबर 3 को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में लिया गया था, जिसमें केंद्र और राज्य के वित्त मंत्रियों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। योजना में व्यवसायों को स्वेच्छा से शामिल होने और बाहर निकलने की सुविधा भी दी जाएगी।










