भारतीय मुद्रा- भारत की पहचान सिर्फ़ उसके झंडे या संविधान से नहीं, बल्कि उसकी मुद्रा पर छपी महात्मा गांधी की मुस्कुराती तस्वीर से भी जुड़ी है। ₹5 से लेकर ₹500 तक — हर भारतीय नोट पर बापू की छवि हमें यह याद दिलाती है कि यह देश आज़ादी की कीमत को कभी नहीं भूला।
लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर एक चर्चा ने सभी को चौंका दिया — क्या भारतीय नोटों से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाई जा रही है?पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर तेजी से एक दावा वायरल हुआ कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अब रवींद्रनाथ टैगोर और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की तस्वीरों वाले नए नोट जारी करने वाला है।
कई पोस्ट्स में यह भी कहा गया कि इन तस्वीरों के सैंपल IIT दिल्ली के प्रोफेसर दिलीप साहा को भेजे गए हैं ताकि वे इनमें से एक डिज़ाइन चुनें।हालांकि यह खबर आकर्षक थी, लेकिन तथ्यों से बहुत दूर थी।
RBI की आधिकारिक प्रतिक्रिया – ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है”
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अब इस मुद्दे पर आधिकारिक सफाई दी है।RBI ने कहा है कि महात्मा गांधी की तस्वीर को भारतीय बैंक नोटों से हटाने या किसी अन्य व्यक्ति की तस्वीर लगाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।”इसका अर्थ साफ है — महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय मुद्रा का हिस्सा बनी रहेगी।दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया था कि Security Printing and Minting Corporation of India Limited (SPMCIL) ने तीन अलग-अलग वॉटरमार्क डिज़ाइनों के सैंपल बनाए —
- एक में महात्मा गांधी
- दूसरे में रवींद्रनाथ टैगोर
- और तीसरे में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की तस्वीरें थीं।
इन्हें समीक्षा के लिए भेजा गया था, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं था कि गांधीजी की छवि हटाई जाएगी। यह प्रक्रिया केवल तकनीकी परीक्षण या डिज़ाइन समीक्षा का हिस्सा थी।
डिजिटल रुपये में गांधीजी की तस्वीर क्यों नहीं है?
RBI द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए Digital Rupee (e₹) में महात्मा गांधी की तस्वीर नहीं है।
इसका कारण बहुत सीधा है — यह एक डिजिटल मुद्रा है, जिसकी कोई भौतिक आकृति नहीं होती, इसलिए उस पर किसी की तस्वीर होना संभव नहीं है।
इतिहास में कब शुरू हुई गांधीजी की तस्वीर छपना
- 1969 में, महात्मा गांधी की 100वीं जयंती के अवसर पर पहली बार उनके चित्र वाले नोट जारी किए गए थे।
- उस समय के नोटों पर सेवाग्राम आश्रम में बैठे गांधीजी की तस्वीर थी।
- 1987 में ₹500 के नए नोट पर फिर से गांधीजी की तस्वीर छापी गई, जो बाद में सभी मूल्यवर्ग के नोटों में अपनाई गई।
महात्मा गांधी सिर्फ़ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नेता नहीं, बल्कि भारतीय नैतिकता, सादगी और अहिंसा के प्रतीक हैं।उनकी तस्वीर भारतीय मुद्रा पर सिर्फ़ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावनात्मक पहचान है।
RBI का यह बयान इस अफवाह को पूरी तरह ख़ारिज करता है कि गांधीजी की छवि हटाई जाएगी।सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों से भ्रमित होने की बजाय आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करना जरूरी है।RBI के स्पष्ट बयान के बाद अब यह बात साफ है कि महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय नोटों से न हटेगी, न बदलेगी।











