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1 अगस्त से बदल जाएगा आपका UPI करने का तरीका: जानिए NPCI के नए नियम

On: July 25, 2025 6:59 PM
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UPI इस्तेमाल करने वालों के लिए जरूरी खबर: 1 अगस्त से लागू होंगे नए नियम
अगर आप भी रोजाना PhonePe, Google Pay या Paytm जैसे ऐप्स के ज़रिए UPI से पेमेंट करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। 1 अगस्त 2025 से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) कुछ नए नियम लागू करने जा रहा है, जो आपके UPI अनुभव को पूरी तरह बदल सकते हैं।

NPCI नए API (Application Programming Interface) नियम लेकर आ रहा है, जिसका मकसद UPI सिस्टम को तेज़, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना है। बीते महीनों में आए कई आउटेज और स्लो ट्रांजैक्शन की शिकायतों के बाद ये कदम उठाया गया है।

1 अगस्त से लागू होने वाले बड़े बदलाव:

  1. बैलेंस चेक की सीमा
    अब आप हर UPI ऐप से दिन में अधिकतम 50 बार ही अपना बैंक बैलेंस चेक कर सकेंगे। इससे बेवजह बार-बार बैलेंस देखने की आदत पर लगाम लगेगी और सिस्टम का लोड घटेगा।
  2. लिंक्ड अकाउंट की जानकारी सीमित
    अब आप जान सकेंगे कि आपका मोबाइल नंबर किन-किन बैंक अकाउंट्स से जुड़ा है — लेकिन सिर्फ 25 बार प्रतिदिन।
  3. ऑटोपे (AutoPay) के लिए टाइम स्लॉट तय
    अब Netflix या SIP जैसे सब्सक्रिप्शन की ऑटो-डेबिट पेमेंट गैर-पीक समय में ही प्रोसेस होगी:

सुबह 10 बजे से पहले

दोपहर 1 बजे से 5 बजे तक

रात 9:30 बजे के बाद

  1. स्टेटस चेक पर भी ब्रेक
    कोई पेमेंट अटक जाए, तो सिर्फ 3 बार स्टेटस चेक कर पाएंगे, वह भी हर बार 90 सेकंड के अंतराल के साथ।

🕒 बीते 6 महीनों में हुए प्रमुख बदलाव:

  1. API रिस्पॉन्स टाइम घटा
    जून 2025 में NPCI ने UPI API की स्पीड बढ़ाई —

15 सेकंड में रिस्पॉन्स-पे और रिक्वेस्ट-पे

10 सेकंड में ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक या फेल्ड ट्रांजैक्शन रिवर्सल

  1. नाम की पुष्टि ज़रूरी
    अब हर पेमेंट से पहले रिसीवर का रजिस्टर्ड बैंक नाम दिखेगा, जिससे फ्रॉड की संभावना घटेगी।
  2. चार्जबैक लिमिट तय
    दिसंबर 2024 से चार्जबैक पर नियम:

30 दिनों में अधिकतम 10 बार

एक ही व्यक्ति/संस्था के खिलाफ 5 बार तक ही

ये बदलाव क्यों ज़रूरी थे?
भारत में हर महीने 16 अरब से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन होते हैं। अप्रैल और मई 2025 में बार-बार आउटेज और ट्रांजैक्शन फेल होने की शिकायतें सामने आईं। जांच में सामने आया कि बार-बार बैलेंस चेक करना, ट्रांजैक्शन री-फ्रेश करना जैसी आदतें सिस्टम पर जरूरत से ज्यादा दबाव डालती हैं।

इन नए नियमों से अनावश्यक API कॉल कम होंगी और सिस्टम तेज़ व स्थिर बना रहेगा।

यूज़र क्या करें?
बैलेंस और स्टेटस चेक की सीमा का ध्यान रखें

AutoPay का टाइम स्लॉट समझें और उसी अनुसार ट्रांजैक्शन करें

पेमेंट करते समय नाम की पुष्टि ज़रूर करें

बार-बार चार्जबैक करने से बचें

UPI आज भारत का सबसे भरोसेमंद डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन चुका है। लेकिन इसका भविष्य तभी सुरक्षित रहेगा जब इसकी रफ्तार और स्थिरता बनी रहे। NPCI के ये नए नियम इसी दिशा में एक बड़ा कदम हैं।

अगर आप एक नियमित UPI यूज़र हैं, तो इन नियमों को समझना और अपनी डिजिटल आदतों को थोड़ा बदलना ज़रूरी है।

Mission Aditya

Founder – KhabarX | Student | Patriotic Youth Ambassador (VPRF) 🇮🇳 Amplifying unheard stories, questioning silence, and building journalism powered by truth, tech & youth. Purpose-led. Change-driven.

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